भोपाल । राजधानी के उपनगर संत हिरदाराम नगर एयरपोर्ट रोड मुक्ति रक्त सेवा समिति ने कोरोना वायरस के संक्रमण को रोकने के लिए ऑनलाइन पगड़ी रस्म व्यवस्था शुरू की है। पहली पगड़ी रस्म में 5 देशों के 275 लोग शामिल हुए। समिति के अध्यक्ष आनंद सबधानी ने बताया की विगत दिवस लालघाटी के एक ही परिवार के मुखिया रेलूमल एवं धर्म प्रकाश दोनों सगे भाइयों का एक ही दिन कोरोना महामारी के कारण देहांत हो गया था। रेलुमल की पुत्री भारती जो डॉक्टर है और अमेरिका और कुवैत में रहने वाले पुत्र नीरज कुमार, अशोक कुमार एवं राहुल कुमार से बात करने के पश्चात एयरपोर्ट रोड मुक्ति रथ सेवा समिति एवं समाज उत्थान पंचायत ने निर्णय लिया कि यह पगड़ी रस्म ऑनलाइन होगी। परिवार जनों के बीच होने वाले रीति रिवाजों को पंचायत की टेक्निकल टीम द्वारा ज़ूम पर लाइव किया गया और एक टीम मेंबर के द्वारा श्रद्धांजलि लेने वाले परिवार के घर पर प्रोजेक्टर के माध्यम से सभी संवेदनायें व्यक्त करने वाले लोगों को लाइव दिखाया गया। ऑनलाइन पगड़ी रस्म में समाज की ओर से संवेदनाएं व्यक्त करते हुए अध्यक्ष आनंद सबधानी ने यह कहा कि इस दुखद घड़ी में हमें सामाजिक दृष्टिकोण एवं लोगों के स्वस्थ दोनों को दृष्टिगत रखते हुए सभी सुख दुख के आयोजन परिवार के सदस्यों तक सीमित रखते हुए ऑनलाइन करने पर ज़ोर देना चाहिए। हमारे पूर्व सदस्य तो विराट मोन में विलीन हो गए, परंतु वह हमारे हृदय में जीवित हैं और हमेशा रहेंगे। शोकाकुल परिवार के सदस्य नीरज कुमार एवं अशोक कुमार ने श्रद्धांजलि देते हुए बोला कि उनके द्वारा लगभग सभी शोक सभाएं अटेंड की जाती रही है, बीमारी से एक दिन पहले भी वह 4 पगड़ी रस्म में शामिल हुए थे ऑनलाइन पगड़ी रस्म के माध्यम से हम उनको सच्ची श्रद्धांजलि देना चाहते हैं और लोगों को संदेश देना चाहते हैं कि आप अपनी संवेदनाएं कहीं से भी प्रकट कर सकते हैं जरूरी नहीं है उसके लिए फिजिकल आएं। संवेदनाएं देने वालों में वरिष्ठ अधिवक्ता जगदीश छावानी, कन्हैया लाल, एमपीईबी के गुरमुखदास, अमेरिका से नीरज कुमार, कुवैत से अशोक कुमार, कोटा से डॉ भारती, भोपाल से राहुल के अलावा दुबई, नेपाल, हॉन्गकॉन्ग, इंदौर, जबलपुर, रायपुर चेन्नई, बेंगलुरु, रतलाम,जोधपुर, भीलवाड़ा आदि शहरों के लोग भी ऑनलाइन श्रद्धांजलि व्यक्त करने आए। आनंद ने बताया कि संस्था द्वारा पिछले डेढ़ साल से शव वाहन की सेवा एवं उठावना पगड़ी रस्म की सेवा की जा रही हैं। इस पगड़ी रस्म में आकर कई लोग कोरोना बीमारी लेकर जा रहे हैं परन्तु अब ऑनलाइन जूम मीटिंग के माध्यम से संवेदनाए व्यक्त की जाएंगी, कोरोना के संक्रमण से बचा जा सकेगा। यही वजह है कि कोरोना महामारी के कारण कई रीति रिवाज और परंपराएं भी बदलना पड़ रही है