Home छत्तीसगढ़ दंतैल के उत्पात से थर्राया तनेरा व बोदराडांड, ढहाया चार मकान

दंतैल के उत्पात से थर्राया तनेरा व बोदराडांड, ढहाया चार मकान

14
0

कोरबा कोरबा जिले के वनमंडल कटघोरा के पसान व केंदई रेंज में हाथियों का उत्पात थमने का नाम ही नहीं ले रहा है। यहां बड़ी संख्या में घूम रहे हाथियों में एक दंतैल हाथी शुक्रवार की रात पसान रेंज के जलके सर्किल के ग्राम तनेरा व बोदराडांड में पहुंचकर भारी उत्पात मचाया। इस दौरान दंतैल ने चार ग्रामीणों के मकान ढहा दिए तथा वहां रखे धान, चावल समेत घरेलू सामानों को नुकसान पहुंचाया।

दंतैल का उत्पात पूरी रात चला। जिससे ग्रामवासी थर्रा गए। दंतैल हाथी के बस्ती में पहुंचने तथा उत्पात मचाए जाने की सूचना मिलने पर वन विभाग का अमला रात में ही मौके पर पहुंचा और उत्पात मचा रहे हाथी को खदेडऩे की कार्यवाही की। वन अमले द्वारा खदेड़े जाने पर दंतैल ने अन्यत्र रूख किया। दंतैल हाथी ने ग्राम तनेरा में जिन लोगों के घरों को नुकसान पहुंचाया उसमें बुधनी बाई पति महिप सिंह गोंड़ शामिल है। जिसके घर को रात्रि 3 बजे के लगभग निशाना बनाते हुए हाथी ने पूरी तरह तोड़ दिया। बुधनी बाई व उसके परिवार वालों ने किसी तरह भागकर अपनी जान बचाई। दंतैल ने भागने से पहले एक अन्य ग्रामीण के मकान को भी क्षतिग्रस्त कर दिया। इतने पर भी दंतैल का गुस्सा शांत नहीं हुआ और वह समीप ही स्थित ग्राम बोदराडांड पहुंच गया और वहां अपना गुस्सा उतारा। इस दौरान दंतैल ने यहां दुर्गा बाई गोंड़ पति कृपा सिंह 28 वर्ष नामक महिला के मकान की दीवार तोडऩे के साथ ही घर में रखे धान-चावल को चट कर दिया तथा बर्तन व अन्य घरेलू सामानों को भी नुकसान पहुंचाया। दंतैल ने गांव में एक अन्य ग्रामीण का मकान भी ढहा दिया। हाथी के उत्पात से दोनों गांव के ग्रामीण रात भर हलाकान रहे और मारे डर के रतजगा किया। सुबह होने पर हाथियों ने जंगल की ओर रूख किया। तब ग्रामीणों ने राहत की सांस ली। उधर केंदई रेंज के कोरबी बीट में 8 हाथियों का दल विचरणरत है। इन हाथियों को आज सुबह यहां के जंगल के कक्ष क्रमांक 346 में विचरण करते हुए देखा गया। इन हाथियों ने फिलहाल कोई नुकसान नहीं पहुंचाया है लेकिन उत्पात की संभावना को देखते हुए वन विभाग का अमला सतर्क हो गया है और हाथियों की निगरानी में जुट गया है। वन विभाग द्वारा आसपास के ग्रामों में मुनादी करा दी गई है तथा ग्रामीणों से कहा जा रहा है कि वे हाथियों की मौजूदगी वाले जंगल की ओर वनोपज संग्रहण के लिए ना जाएं।

LEAVE A REPLY

Please enter your comment!
Please enter your name here