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एंटीबॉडीज की मौजूदगी को बढ़ाने जरूरी है वैक्सीन

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न्यूयार्क । ताजा अध्ययन में पता चला है कि जिन्‍हें पहले कोविड हुआ है, वो न सिर्फ दोबारा चपेट में आ सकते हैं बल्कि दूसरों को संक्रमित कर सकते हैं। पहले शरीर में बन चुकी एंटीबॉडीज की मौजूदगी को दोबारा बढ़ाने, ट्रांसमिशन को कम करने और इम्‍यूनिटी सिस्‍टम को ताकत देने के लिए वैक्‍सीन लगवाना जरूरी है। यूएस के माउंट सिनाई के इकान स्‍कूल ऑफ मेडिसिन के प्रोफेसर स्‍टुआर्ट सीलफोन ने बताया कि शरीर में पहले हुए संक्रमण से इम्‍यूनिटी की गारंटी नहीं है। इसलिए कोरोना संक्रमित को वैक्‍सीन से मिलने वाले एडिशन प्रोटेक्‍शन की जरूरत है। रिचर्स अमेरिकी मरीन कॉर्प के शारीरिक रूप से फिट 2436 मरींस पर किया गया है। इनमें से 189 सीरोपॉजीटिव थे, जिसका अर्थ है कि उन्‍हें पहले संक्रमण हुआ था और उनमें एंटीबॉडीज थीं। इसके 2247 सीरानेगेटिव थे। इनमें से 1098 मई से नवंबर 2020 के बीच कोरोना से संक्रमित पाए गए जबकि करीब 19 सीरोपॉजीटिव और 1079 सीरोनेगेटिव शोध के दौरान संक्रमित पाए गए। वैज्ञानिकों को पता चला कि सीरोपॉजीटिव ग्रुप कोविड-19 की चपेट में दोबारा आए थे। उनमें वायरस के एंटीबॉडीज का लेवल दोबारा संक्रमित न होने वाले मरींस से काफी कम था। रिचर्स के दौरान पता लगा कि दोबारा संक्रमित होने वाले 54 में 45 लोगों में न्‍यूट्रलाइजिंग एंटीबॉडीज कम था जो दूसरों को संक्रमित कर सकता था। मालूम हो ‎कि कोरोना संक्रमण का कहर लगातार बढ़ रहा है। लोगों को वैक्सीन लगना शुरू हो गई है। जबकि कई मरीज एक बार ठीक होकर फिर संक्रमित हो गए हैं।

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