रायपुर । छत्तीसगढ़ में पिछले दो हफ्ते से 10 हजार की रफ्तार से बढ़ रहे कोरोना संक्रमितों के बीच दूसरी लहर के पीक को लेकर लोगों के मन में कई तरह के सवाल उठ रहे हैं। जानकारों के मुताबिक राजधानी तथा लगे हुए जिलों में जहां संक्रमण अभी तेज है, वहां 20 अप्रैल के आसपास दूसरी लहर का पीक आ सकता है। इसके बाद उम्मीद की जा सकती है कि केस कम होने लगेंगे। दुर्ग में 10 अप्रैल को पॉजिटिविटी रेट 56.6 प्रतिशत और 11 अप्रैल को 50 प्रतिशत था जो मंगलवार को 43 फीसदी रहा अर्थात तीन दिन में 13 फीसदी कमी दर्ज की गई है। हालांकि पॉजिटिविटी दर घटती-बढ़ती रहती है। एक्सपर्ट राजधानी ही नहीं, दुर्ग-भिलाई, राजनांदगांव समेत रायपुर, दुर्ग और बिलासपुर संभाग के अधिकांश हिस्से में 19 अप्रैल के बाद भी हफ्तेभर या 30 अप्रैल तक के लॉकडाउन की हिमायत करने लगे हैं, ताकि कोरोना हद तक नियंत्रित हो सके।
दूसरी लहर, 20 के बाद कम होने की उम्मीद
मार्च में होली के बाद प्रदेश में खासतौर पर अभी सबसे ज्यादा प्रभावित जिलों रायपुर, दुर्ग, राजनांदगांव में अचानक से केस बढऩे लगे। दरअसल, यही दूसरी लहर की आहट थी। अप्रैल के शुरूआती हफ्तों से ये ज्यादा घातक नजर आ रही है। महामारी की लहर में सात सात दिन के सायकल होते हैं। यानी इस दौरान लहर का ऊंचा उठना या गिरना चलता रहता है। इसलिए मुझे प्रदेश के आंकड़ों और अभी मिल रहे संक्रमितों की तादाद के लिहाज से लगता है कि आने वाले 20 अप्रैल तक इस लहर का पीक आ सकता है। पीक यानी उस दिन बहुत ज्यादा केस आ सकते हैं। दूसरी लहर के पीक यानी 20 अप्रैल के बाद धीरे धीरे कोरोना के केस भी कम होने लगेंगे। जैसा कि अब तक किसी भी महामारी में पीक के बाद की स्थितियों का ट्रेंड रहा है।