Home मध्य प्रदेश बीयू से संबद्ध ‎निजी कॉलेजों में जमकर हो रहा फर्जीवाडा!

बीयू से संबद्ध ‎निजी कॉलेजों में जमकर हो रहा फर्जीवाडा!

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 भोपाल  । बरकतउल्ला विश्वविद्यालय(बीयू) से संबद्धता प्राप्त निजी कॉलेजों में जमकर  फर्जीवाडा हो रहा है। प्रदेश के ऐसे 210 कॉलेजों की संबद्धता पर तलवार लटक गई है। इन कॉलेजों की संबद्धता निरस्त हो सकती है। इसके लिए उच्च शिक्षा विभाग ने बीयू से जवाब-तलब किया है। इस संबंध में बीयू ने उच्च स्तरीय कमेटी गठित की है। विवि से संबद्ध निजी कालेजों में फैकल्टी, विद्यार्थी, कर्मचारी, छात्रवृत्ति और सुविधाओं में जमकर फर्जीवाड़ा हो रहा है। फर्जीवाड़ा साफ करने के लिए विधानसभा में प्रश्न उठाना था, लेकिन बरकतउल्ला विश्वविद्यालय कालेजों से लेकर जानकारी नहीं दे पाया है, इसलिए उच्च शिक्षा विभाग ने कालेजों के खिलाफ कार्रवाई करने के निर्देश जारी कर दिए हैं। इसके चलते बीयू करीब 210 कालेजों की संबद्धता खत्म होगी। विधानसभा सत्र के दौरान 26 फरवरी को बीयू से संबद्धता प्राप्त कालेजों के फर्जीवाडा के संबंध में प्रश्न नंबर 983 लगाया जाना था। इसके संबंध में विभाग ने बीयू से निजी कालेजों की करीब दो दर्जन बिंदुओं पर जानकारी तलब की गई। बीयू समय रहते विभाग को जानकारी नहीं भेज सका। इसके चलते विधानसभा में प्रश्न नहीं लग सका। अब विभाग ने बीयू से उक्त कालेजों के खिलाफ एक्शन लेते हुए उनकी संबद्धता समाप्त करने के निर्देश जारी कर दिए हैं। अब बीयू कालेजों का फर्जीवाड़ा का खुलासा करने के लिए एक उच्च स्तरीय कमेटी गठित करेगा। कमेटी की रिपोर्ट आते ही बीयू द्वारा आठ जिलों में संचालित होने वाले 210 निजी कालेजों का फर्जीवाड़ा नहीं, बल्कि कालेजों को ही साफ करने संबद्धता समाप्त करने की कर्रवाई करेगा। कॉलेज संचालकों ने रुपये कमाने के फेर में काफी हद तक फर्जीवाड़ा कर रखा है। यहां तक उन्हें वेतन नहीं देना पड़ेगा, इसलिए उन्होंने कोड 28 तक होने वाले प्रोफेसरों की नियुक्तियों तक में फर्जीवाड़ा किया है। यहां तक कि वे विद्यार्थियों की छात्रवृत्ति लेने तक में फर्जीवाड़े का सहारा ले रहे हैं। कालेजों में विद्यार्थियों के अनुपात में शिक्षकों की भर्ती तक नहीं की गई है। इस बारे में बीयू के रजिस्ट्रार डॉ. एचएस त्रिपाठी का कहना है ‎कि 210 कालेजों ने अपनी जानकारी विधानसभा में प्रस्तुत करने बीयू नहीं भेजी है। इस फर्जीवाड़ा को खत्म करने एक उच्च स्तरीय जांच कमेटी बनाई जा रही है। उसकी रिपोर्ट आने के बाद कालेजों की संबद्धता समाप्त करने तक की कार्रवाई की जाएगी।

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