भोपाल । मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान ने कहा है कि प्रदेश में कोरोना का संकट अभूतपूर्व है। स्थितियाँ पिछले साल से कहीं ज्यादा गंभीर हैं। राज्य सरकार इलाज के लिए व्यवस्था करने, जन-जागरूकता फैलाने की दिशा में लगातार सक्रिय है, पर कोरोना के विरुद्ध असली लड़ाई नर्सेज, पैरामेडिकल स्टाफ, आँगनवाड़ी कार्यकर्ता, आशा कार्यकर्ता के माध्यम से ही लड़ी जा रही है। मुख्यमंत्री श्री चौहान प्रदेश के सभी जिलों के स्वास्थ्य क्षेत्र से जुड़े कर्मियों जैसे नर्स, पैरामेडिकल स्टाफ, कंपाउंडर, वार्डबॉय, पैथोलॉजी, रेडियोलॉजी से जुड़े विशेषज्ञ, आशा कार्यकर्ता और आंगनवाड़ी कार्यकर्ताओं को मंत्रालय से वर्चुअली संबोधित कर रहे थे। मुख्यमंत्री श्री चौहान ने कहा कि स्वास्थ्य कर्मी अपनी जान जोखिम में डालकर दूसरों की जान बचाने के महान काम में लगे हैं।
-स्वास्थ्य कर्मी दो मोर्चों पर एकसाथ जुटे हैं
मुख्यमंत्री श्री चौहान ने कहा कि कि अप्रैल माह कोरोना की दृष्टि से क्रिटिकल है। इसलिए इस समय सबसे ज्यादा धैर्य, संयम और आत्म-विश्वास की जरूरत है। संक्रमण की चेन को तोड़ना और नए संक्रमण होने से रोकना यह हमारी प्राथमिकता है। राज्य सरकार अपनी तरफ से संसाधन जुटाने और इलाज में कोई कसर नहीं छोड़ रही है। स्वास्थ्य कर्मी दोनों मोर्चों पर एक साथ कार्य कर रहे हैं पहला अस्पताल में कोरोना के मरीजों की टेस्टिंग ट्रीटमेंट और दूसरा 45 वर्ष से अधिक उम्र वालों का टीकाकरण। कोरोना आपदा में धैर्य, संयम और आपसी सहयोग से विजय प्राप्त की जायेगी।
-शासकीय और निजी स्वास्थ्य क्षेत्र मिलकर करें चुनौती का सामना
अस्पतालों और बिस्तरों की संख्या बढ़ाई जा रही है लेकिन उसकी भी अपनी सीमा है। हमारा प्रयास यह होना चाहिए कि संक्रमण की पहचान जल्द हो जाए ताकि मरीज की स्थिति गंभीर न हो और उन्हें अस्पताल जाना न पड़े। यदि होम आइसोलेशन में ही लोगों का संक्रमण ठीक होने लगेगा तो फिर अस्पतालों पर बोझ अपने आप कम हो जाएगा। यह समय आपदा का है इसलिए सरकारी क्षेत्र हो या निजी क्षेत्र सबको मिलकर काम करना होगा। पब्लिक सेक्टर और प्राइवेट सेक्टर दोनों की ताकत मिलकर ही इस बीमारी पर विजय प्राप्त कर सकती हैं।
-मरीजों के साथ मानवीय व्यवहार हो
मुख्यमंत्री श्री चौहान ने कहा कि मरीज डॉक्टरी सलाह, ट्रीटमेंट और दवाओं पर ही निर्भर रहता है। यदि वह अस्पताल तक चल कर आया है तो निश्चय ही कोई गंभीर बात होगी। इसलिए हमारा प्रयास होना चाहिए कि मरीज के साथ मानवीय व्यवहार हो, उन्हें दवाएँ और उपचार सही समय पर मिले उसे एक अस्पताल से दूसरे अस्पताल भटकना न पड़े। मरीजों को घंटों तक इलाज के लिए इंतजार न करना पड़े, बीमारी का गंभीरता के अनुरूप ही इलाज हो, आवश्यक दवाएँ ही लिखी जाये और अनावश्यक जाँच न कराई जाये।
-मरीजों का बढ़ायें हौसला
मुख्यमंत्री श्री चौहान ने कहा कि कोरोना संक्रमित मरीजों का अस्पताल में परिवार के सदस्य साथ में नहीं होने से मनोबल गिरने लगता है। इसलिए हमारा यह कर्त्तव्य है कि मरीजों की निरंतर कॉउंसलिंग करते रहे और उनका हौसला बढ़ाएं। यह सकारात्मक कार्य आपने पहले भी किया है और आगे भी पूरे धैर्य और संयम के साथ अपने दायित्वों का निर्वाह करेंगे, मुझे यह विश्वास है। मुख्यमंत्री श्री चौहान ने कहा कि पिछले एक साल में स्वास्थ्य क्षेत्र से जुड़े कर्मियों ने मानव सेवा की जो मिसाल प्रस्तुत की है, वह अकल्पनीय है। प्रदेश की जनता इस त्याग और सहयोग को सदैव याद रखेगी।