Home मध्य प्रदेश ग्वालियर-चंबल संभाग में बिक रही है मिथाइल एल्कोहल मिली जहरीली शराब

ग्वालियर-चंबल संभाग में बिक रही है मिथाइल एल्कोहल मिली जहरीली शराब

45
0

भोपाल  । ग्वालियर-चंबल संभाग में मिथाइल एल्कोहल मिली जहरीली शराब अवैध रूप से बिक रही है। इसका खुलासा ग्वालियर के महाराजपुरा इलाके में तीन मृतकों के बिसरा जांच रिपोर्ट में हुआ है। मुरैना में भी मिथाइल एल्कोहल मिली शराब पीने से ही 24 लोगों की जान गई थी। बिसरा जांच रिपोर्ट से यह तो स्पष्ट हो गया कि शराब में मिथाइल एल्कोहल थी, लेकिन अभी तक पुलिस और आबकारी विभाग की टीम इसकी जड़ तक नहीं पहुंच पाई है।

जानकारी के अनुसार ग्वालियर-चंबल संभाग के भिंड, मुरैना और ग्वालियर में पिछले ढाई महीने में जहरीली शराब से 33 लोगों की मौत लेकिन ग्वालियर में बैठने वाले आबकारी विभाग के संभागीय उडऩदस्ता के अफसर इस अवैध शराब के कारोबार पर लगाम लगाने में पूरी तरह नाकाम साबित हुए हैं। उडऩदस्ता के पास ग्वालियर, भिंड, दतिया, मुरैना, श्योपुर, शिवपुरी, गुना, अशोकनगर में अवैध व जहरीली शराब पकडऩे की जिम्मेदारी है, लेकिन ये अमला ऐसा नहीं कर रहा है। सूत्रों के अनुसार उडऩदस्ता में वर्षों से पदस्थ अधिकारी शराब माफिया के साथ मिलकर उन्हें संरक्षण देने का काम कर रहे हैं। इस कारण इन जिलों में होटल, ढाबों व दूसरी दुकानों पर अवैध शराब बिक्री की सूचना के बाद भी कोई कार्रवाई नहीं की जाती। ग्वालियर के खेरिया मिर्धा व चंदूपुरा के लोग भी मालनपुर की दुकान से शराब लाए और उसे पीने के बाद शुक्रवार तक 3 लोगों की मौत हो गई।

उडऩदस्ता में पर्याप्त अमला…फिर भी कार्रवाई नहीं

आबकारी विभाग के उडऩदस्ता के प्रभारी शैलेष सिंह हैं। उनके साथ एडीईओ शरद पाठक, उपनिरीक्षक सरला यादव, लोकेश तिवारी, मनीष द्विवेदी, प्रधान आरक्षक व आरक्षक के तौर पर राजाराम, महेश माहौर, सूर्यभान सिंह गुर्जर, वीडी अहिरवार, प्रदीप व्यास, अजय राजपूत पदस्थ हैं। इनके अलावा 8 जिलों के सहायक आबकारी अधिकारी व दूसरा अमला उडऩदस्ते की कार्रवाई के लिए उपलब्ध रहता है। इतना अमला होने के बाद भी उडऩदस्ता पिछले एक साल में सिर्फ 20 प्रकरण अवैध शराब के बना पाया है, जिनमें 50 लीटर शराब भी जब्त नहीं हुई।

ठेकेदार कराते हैं गड़बड़ी

आबकारी विभाग के कर्मचारी ने नाम न छापने की शर्त पर बताया कि ठेकेदार ही गड़बड़ी कराते हैं। वे ड्यूटी बचाने और अधिक पैसा कमाने के चक्कर में दुकान से अवैध शराब की बिक्री कराते हैं। ग्वालियर में ऐसी गड़बड़ी पहले भी पकड़ी जा चुकी है। मुरैना में 13 जनवरी को हुए जहरीली शराब कांड में 24 लोगों की मौत हुई। उसके बाद प्रदेश के वाणिज्यकर मंत्री जगदीश देवड़ा ने सोशल साइट पर पोस्ट किया कि मुरैना कांड में दोषी सब इंस्पेक्टर दिनेश निगम को निलंबित किया जा रहा है। ग्वालियर संभाग के डिप्टी कमिश्नर शैलेष सिंह को भी हटाने के आदेश जारी हो रहे हैं। दिनेश निगम को तो हटा दिया गया, लेकिन शैलेष सिंह को बचा लिया गया। मंत्री भी शराब माफिया व आबकारी विभाग के गठजोड़ को तोडऩे में नाकाम साबित हुए। मुरैना की घटना के बाद दो दिन पहले भिंड के लहार में जहरीली शराब से 6 लोगों की मौत हुई, फिर ग्वालियर के 3 लोगों की मौत भी जहरीली शराब से ही हुई।

जहर के समान है मिथाइल एल्कोहल

मिथाइल एल्कोहल का उपयोग औद्योगिक कार्यों में किया जाता है। मिथाइल एल्कोहल जहर ही है। इसे पीने से सबसे पहले आंख की रोशनी कम होना शुरू होती है। अधिक मात्रा में पी लेने से व्यक्ति की मौत हो जाती है।

LEAVE A REPLY

Please enter your comment!
Please enter your name here