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बंगरसुता पंचायत के भ्रष्टाचार की जांच करने आये अधिकारी ने दोषी को बचाने जांच में किया फर्जीवाड़ा,ग्रामीणों को बिना सूचना दिए गुपचुप जांच करने आये उपयंत्री की कलेक्टर एवं जिला सीईओ से करेंगे शिकायत

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  • जोहार छत्तीसगढ़-कुड़ेकेला।
    धरमजयगढ़ जनपद पंचायत के ग्राम पंचायत बंगरसुता में हुए नरेगा कार्य में भ्रष्टाचार का शिकायत ग्रामीणों द्वारा लिखित और मौखिक कई दफ ा किया गया। जिसके पश्चात जिम्मेदारी अधिकारियों द्वारा जांच टीम बनाकर बखूभी जांच भी किया है है पर जांच में अनिमियता पाने के बावजूद भी जिम्मेदार अधिकारियों द्वारा इस मामले को अपने ठंडे बस्ते में डालने में लगे हुए है। जो कि ऐसा करने से ग्रामवासियों का विश्वास और निष्पक्ष जांच का आस ही खत्म हो गया है। आपको बता दे कि ग्रामीणों की शिकायत में आये अनुविभागीय अधिकारी धरमजयगढ़ द्वारा बंगरसुता पंचायत की जांच की खनापूर्ति कर दिया गया था पर जब इस जांच से ग्रामीण संतुष्ट नहीं हुए तो इसकी पुन: जांच कराने की मांग में लगे थे ग्रामीण जिसका लगातार खबर प्रकाशन के बाद 06 जनवरी 2021 को रायगढ़ व धरमजयगढ़ से आए जांच टीम द्वारा गुप्त रूप से रोजगार सहायक और सरपंच की उपस्थिति में जांच किया गया एक बार भी शिकायतकर्ता व ग्रामीणों को बताना मुनासिब नहीं समझे और अगर बोलते तो भी कैसे बोलते आखिरी जांच टीम द्वारा मामला को दबाना जो था। ग्रामीणों का कहना कि जांच टीम द्वारा नाराई नाला में बने बाँधनी का वास्तविक जांच ना करके फ र्जी दुसरों के बने बांध का फ ोटोग्राफ लिया गया है सिर्फ जांच की खानापूर्ति के लिए क्योंकि नाला में तो पंचायत द्वारा बांध बनाया ही नही गया था। फर्जी मस्टररोल भरकर 66 दिन कार्य दिखाकर 11616 रुपये मनरेगा के इंजीनियर योगेन्द्र कुर्रे के साथ सांठ-गांठ कर रोजगार सचिव कु. चुलेश्वरी राठिया के द्वारा पैसा निकाल लिया गया। कार्य के खानापूर्ति के लिए सिर्फ एक दिन छोटे-छोटे बच्चो को बुलाकर नाले में उगे झाडिय़ों का सफ ाई किया गया था जिसके लिए बच्चो को मुर्रा,मिक्सचर व बिस्कुट खाने को दिया गया था। अब एसे में यह सवाल ग्रामीणों के मन मे आ रहा है कि इस तरह से ऊपर बैठे अधिकारियों से अगर जांच के नाम पर बस सिर्फ खानापूर्ति होने लगेगी तो ग्रामीणों के साथ न्याय कैसे होगा ऐसे में तो पंचायत प्रतिनिधियों और छोटे से लेकर बड़े कर्मचारियों के हौसले बुलंद हो जायेंगे।
  • हमारे तरफ से जांच होने के जानकारी ग्रामीणों को बताने के लिए सचिव को बोल दिया गया था। अगर सचिव नहीं बोला तो उसकी यह लापरवाही है। अगर जांच में आये टीम द्वारा किसी अन्य बांधनी का जांच किया गया है तो आप जिला पंचायत में लिखित शिकायत करें जिसका प्रतिलिपी मुझे भी दे मैं दुबारा जांच आप लोगों के समक्ष करवाऊंगा।
    आज्ञामणी पटेल,धरमजयगढ़ जनपद पंचायत सीईओ
  • मेरे द्वारा मनरेगा के इंजीनियर योगेन्द्र कुर्रे को जांच के संबंध में पूछने पर बोल गया कि आप ना तो पंचायत के सरपंच हो ना सचिव और ना ही पंच मैं आपको जानकारी नहीं दे सकता मैं सिर्फ इतना बोला कि मैं पंचायत का नागरिक हुं ग्रामीण हूं आप मुझे बताए कि आप किसी दूसरे के निजी बांधानी का फ ोटो क्यो खिंचकर जांच रिपोर्ट तैयार किये। इस तरह किसी अधिकारी को बात करना चाहिए क्या?
    वेदप्रकाश राठिया ग्रामीण
  • हम लोगों के द्वारा शिकायत करने पर इस तरह से गुपचुप तरीके से जांच करना सभी का मिलीभगत लग रहा है। हम ग्रामीणों को जांच के नाम पर गुमराह किया जा रहा है। यहां सब अपना निजी स्वार्थ में लग्र है। इसका दुबारा हमलोगों के समक्ष जांच होना चाहिए।
    मुकेश राठिया ग्रामीण

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