प्रकाश मिश्र, जोहार छत्तीसगढ़।
कुनकुरी। जशपुर जिले के मयूर चुन्दी गांव में रूकमणी बच्चा चोरी और रूकमणी के गर्भवती होने का मामला धीरे-धीरे सच की गहराईयों में उतरता चला जा रहा है अब समाज में और आँख और कान बन्द मीडिया भी संज्ञान लेने को मजबूर हो गई है और वो भी आज मामले की गंभीरता को समझने का प्रयास करते नजर आ रहे है क्या कारण की समाज का एक बड़ा तकबा प्रशासनिक कार्यप्रणाली पर सवाल उठा रहा है तो रूलिंग पार्टी का भी कोई नेता उनकी सुध लेने नही जा रहे हैं। मयुरचुन्दी ग्राम के कई ग्रामीण अपना अमूल्य वोट देकर अपना नेता चुना लेकिन वो भी इनका सूद लेने की बजाय दर्शकों की भांति इनके दुख दर्द को दूर से देख अहँकार में डूब कर चंद हुक्मरानों और वोट बैंक की राजनीति में लगा है?
जी हाँ समाज के उसी भीड़ में बैठा पूर्व मंत्री गरीबों का मसीहा असत्य में सत्य को खोज करने निकालने वाले गणेश राम भगत ने रूकमणी को न्याय दिलाने के लिए कमर कस ली है और सच को सामने लाने के प्रशासनिक अब्यवस्था पर सवाल करते हुए शासन प्रशासन को धरातल पर उतरकर काम करने की नसीहत दे डाली और कहा कि क्या कारण है कि आज तक कोई भी प्रशानिक कर्मचारी मयुरचुन्दी ग्राम में जाकर वाह के लोगो से प्यार से बात नहीं कि लेकिन डंडे का सहारा लेकर मामले को दबाने का प्रयास किया। सुनते हैं उन्हीं की जुबानी…
गणेश राम भगत यही नहीं रुके छत्तीसगढ़ शासन को आगाह करते हुए कहा कि अगर गरीब आदिवासी के साथ न्याय नहीं मिला तो हम हजारो की संख्या में जमा होकर न्याय दिलाने के लिए प्रशासनिक अब्यवस्था की सूद लेंगे।
जशपुर जिले में कानूनी दावपेंच को समझने वाले जिला के अधिवक्ता से हमने जब रूकमणी बच्चा चोरी मामले में बात की तो उनका कहना है कि कोर्ट के माध्यम से रुकमणी को न्याय दिलाएंगे और दोषियों को सजा जरूर मिलेगा। जशपुर जिले के वरिष्ट अधिवक्ता रामप्रकाश पाण्डे कानूनी दावपेंच के मंजे हुए खिलाड़ी हैं जो मामले की गंभीरता को देखते हुए रूकमणी बाई को न्याय दिलाने का प्रयास करेंगे।
बहरहाल जशपुर जिले में आदिवासी समाज आज भी शासन-प्रशासन का प्रताड़ना का शिकार होता आया है कभी न कभी समाज के दबंग नेता और चंद प्रशासनिक हुक्मरान अपनी ऊंची पहुँच और पैसे के दम पर गरीब आदिवासियों के हक को कुचलने का प्रयास करते आ रहे हैं लेकिन इन भोले भाले समाज को न्याय दिलाने के लिए कोई न कोई मसीहा आगे आकर इनकी सूद जरूर लेता है। देखने वाली बात है कि समाज का एक बड़ा तकबा वहाँ के ग्रामीण वहाँ जन प्रतिनिधि DDC, BDC, सरपंच, वार्ड पंच, ANM, मितानिन, सास, ससुर गांव का बच्चा-बच्चा बोल रहा है कि रूकमणी गर्भवती थी लेकिन पुलिस और अस्पताल प्रशासन कह रहा है कि रूकमणी गर्भवती नही थी सच क्या है आने वाले समय में पता चलेगा?