भोपाल । प्रदेश में दसवीं- बारहवीं कक्षाओं के परिणाम 31 जुलाई से पहले देने के प्रयास जारी है। पूरे प्रयास के बावजूद हायर सेकंडरी के परीक्षा परिणाम का फार्मूला एक बार फिर अटक गया है। इस बार कॉमर्स संकाय के कारण ऐसी स्थिति बनी है। दरअसल, जिस हाईस्कूल परीक्षा परिणाम के आधार पर हायर सेकंडरी का परिणाम तैयार करने पर विचार चल रहा है। उसमें कॉमर्स विषय ही नहीं है इसलिए कॉमर्स के विद्यार्थियों को किस आधार पर अंक दिए जाएं, यह परिणाम का फार्मूला तय करने के लिए गठित मंत्री समूह तय ही नहीं कर पा रहा है। सरकार 31 जुलाई से पहले हाईस्कूल और हायर सेकंडरी का परीक्षा परिणाम देने की कोशिश में जुटी है इसलिए फार्मूला तय करने में अब और देरी भी नहीं की जा सकती है। बुधवार को मंत्री समूह की बैठक में एक राय नहीं बनी, तो अब समूह में शामिल मंत्रियों के सुझाव मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान को भेजे जा रहे हैं। अब मुख्यमंत्री ही अंतिम निर्णय लेंगे। प्रदेश में हायर सेकंडरी के परीक्षा परिणाम का फार्मूला तय करने में कई तरह की परिस्थितियां आड़े आ रही हैं। सरकार केंद्रीय माध्यमिक शिक्षा मंडल (सीबीएसई) का फार्मूला इसलिए नहीं अपना सकती, क्योंकि प्रदेश में पिछले साल 11वीं की वार्षिक परीक्षा नहीं हुई और इस साल कुछ स्कूलों में 12वीं की तिमाही और छमाही परीक्षा हुई भी, तो विद्यार्थियों ने उत्तर पुस्तिकाएं ही जमा नहीं कीं। प्रायोगिक कार्य भी नहीं हुए।
ऐसे में बड़ा सवाल यही है कि अंक कैसे दें? जैसे-तैसे हाईस्कूल 2018-19 की परीक्षा के आधार पर परिणाम तैयार करने पर सहमति बन रही थी, तो उसमें कॉमर्स का पेच आ गया। बुधवार को कई घंटे की माथपच्ची के बाद भी मंत्री समूह तय नहीं कर पाया कि परिणाम किस आधार पर दिया जाए। समूह में शामिल खेल एवं युवक कल्याण मंत्री यशोधरा राजे सिंधिया, उच्च शिक्षा मंत्री डॉ. मोहन यादव, चिकित्सा शिक्षा मंत्री विश्वास सारंग सहित अन्य मंत्रियों ने सुझाव दिए हैं। इन्हें मुख्यमंत्री को भेजा जा रहा है। 12वीं के परिणाम का क्या फार्मूला हो सकता है और इसमें क्या-क्या दिक्कतें आ रही हैं। इसे लेकर 28 जून को मंत्री समूह मुख्यमंत्री के सामने प्रस्तुति देगा। इसी दिन परिणाम का फार्मूला भी तय हो सकता है।