नई दिल्ली । इजरायल और फलस्तीन के बीच चल रहे संघर्ष ने मध्य-पूर्व एशिया सहित पूरी दुनिया में तनाव की स्थिति पैदा कर दी थी। अब भारत ने दोनों देशों के बीच के तनाव को कम कर शांति वार्ता को शुरू करने का आह्वान किया है। भारत ने गुरुवार को संयुक्त राष्ट्र सुरक्षा परिषद (यूएनएससी) के एक सत्र में फलस्तीन के पक्ष में बैटिंग की और उसके स्वतंत्र, सक्षम और लोकतांत्रिक राज्य की स्थापना का समर्थन किया। भारत ने मध्य-पूर्व में कई सालों से चले आ रहे संघर्ष को खत्म करने की बात भी कही। भारत ने इजरायल और फलस्तीन के बीच शांति वार्ता की अपील करते हुए कहा कि दोनों देशों को सीजफायर का सम्मान करना चाहिए। संयुक्त राष्ट्र सुरक्षा परिषद सत्र में भारत के विदेश मंत्रालय के सचिव (पश्चिम) विकास स्वरूप विकास ने कहा कि भारत फलस्तीन के एक स्वतंत्र, व्यवहार्य, लोकतांत्रिक राज्य की स्थापना के लिए प्रतिबद्ध है। दो देशों के बीच समाधान के लिए स्थायी शांति के अलावा कोई विकल्प नहीं है। उन्होंने आगे कहा कि यथास्थिति को एकतरफा रूप से बदलने की कोई भी कोशिश नहीं की जानी चाहिए, ऐसा होता है तो इससे दो-देश समाधान के आगे बढ़ने के प्रयास कम हो जाते हैं। भारत की यह टिप्पणी इजरायल और फलस्तीन के बीच चले हाल ही के संघर्ष की पृष्ठभूमि में आई है।
इस दौरान इजरायल रक्षा बलों ने गाजा पट्टी में पर ताबड़तोड़ मिसाइलें बरसाई थीं। 21 मई को इजरायल ने मिसाइले बरसाना बंद कर दिया था और सीजफायर की बात मान ली थी लेकिन इजरायल ने 16 जून को सीजफायर का उल्लंघन कर दिया था। संयुक्त राष्ट्र में भारत के प्रतिनिधि ने कहा कि विशेष रूप से गाजा में फलस्तीनी नागरिक आबादी को तत्काल मानवीय सहायता प्रदान करना समय की मांग है। भारत ने कहा कि सभी फलस्तीनी दलों को संघर्ष से प्रभावित नागरिकों की भलाई सुनिश्चित करने और लोगों को आवश्यक सहायता प्रदान करने के लिए प्राधिकरण के साथ काम करना चाहिए। इज़राइल और हमास में 11 दिनों तक संघर्ष चला जिस दौरान इजरायल और फलस्तीन दोनों पक्षों से सैकड़ों रॉकेट लॉन्च किए गए। हमास द्वारा संचालित गाजा स्वास्थ्य मंत्रालय के अनुसार इस लड़ाई में 253 फलस्तीनी मारे गए जिनमें 66 बच्चे शामिल थे, जबकि दूसरी तरफ 13 इजरायली मारे गए थे जिनमें एक 5 साल का बच्चा और एक सैनिक शामिल था।