भोपाल । बौद्ध और वैदिक अध्ययन के सुंदर समन्वय के प्रतीक सांची विश्वविद्यालय से पूरे विश्व को अपेक्षाएँ है। नई शिक्षा नीति का ध्वजवाहक बन सांची विश्वविद्यालय 21वीं सदी में भारत को विश्वगुरु बनाने में अहम भूमिका निभाएगा। यह बात संस्कृति, पर्यटन और आध्यात्म मंत्री सुश्री उषा ठाकुर ने आज सांची बौद्ध-भारतीय ज्ञान अध्ययन विश्वविद्याल के सांची स्थित नवीन परिसर के लोकार्पण के दौरान अपने उद्बोधन में कही। उन्होंने इस अवसर पर विश्वविद्यालय परिवार को शुभकामनाएँ दी। सुश्री ठाकुर ने कहा कि विश्वविद्यालय में पढ़ने आने वाले हर विद्यार्थी से 5 पौधे अवश्य लगवाएँ और पढ़ाई पूरी करने तक उस पौधे की सुरक्षा और पालन कर विद्यार्थियों में पर्यावरण के प्रति जिम्मेदारी का एहसास कराएँ। सुश्री उषा ठाकुर ने शिक्षा पाठ्यक्रम में वीर महापुरुषों और क्रांतिकारियों के जीवन चरित्र और उद्देश्यों को शामिल करने का सुझाव भी दिया। लोकार्पण अवसर पर सुश्री ठाकुर ने विश्विद्यालय परिसर में पौधारोपण भी किया।
विश्वविद्यालय की कुलपति डॉ. नीरजा ए गुप्ता ने कहा कि सांची विश्वविद्यालय शोध का सिरमौर संस्थान बनने की दिशा में अब तेज़ गति से बढ़ेगा। उन्होने मंत्री सुश्री ठाकुर को आश्वासन दिया कि विवि अपनी गतिविधियों और शोध कार्यों से नए सोपान गढ़ेगा। उन्होंने बताया कि विश्वविद्यालय अभी तक बारला स्थित किराये के भवन में संचालित हो रहा था। अब सांची स्थित पर्यटन विभाग के नये भवन से संचालित होगा। नई इमारत में विश्वविद्यालय, प्रस्तावित स्थल पर निर्माण पूर्ण होने तक रहेगा। सांची में होने से यहाँ आने वाले पर्यटकों को भी सांची बौद्ध-भारतीय ज्ञान अध्ययन विश्वविद्यालय से संपर्क का मौका मिलेगा।