भोपाल । एक माह पहले भोपाल मेमोरियल ट्रस्ट अस्पताल ( बीएमएचआरसी) में भर्ती कोरोना संक्रमित मरीज के साथ अस्पताल के कर्मचारी ने दुष्कर्म किया था। महिला के साथ हुई वारदात के बाद वह कोमा में चली गई थी। वारदात के अगले दिन उसकी मौत हो गई थी। उधर इस घटना के आधा घंटे पहले उसी कर्मचारी ने दूसरे वार्ड में भर्ती अस्तपताल की कोरोना संक्रमित कर्मचारी के साथ अश्लील हरकत भी की थी। महिला के शोर मचाने पर आरोपित भाग गया था। पुलिस ने उसे अगले दिन गिरफ्तार कर लिया था। अस्पताल प्रबंधन ने दुष्कर्म के मामले को छिपाने की कोशिश की। साथ ही पुलिस ने भी अस्पताल में हुए दुष्कर्म के मामले पर एक माह तक चुप्पी साध रखी थी। इस मामले में बुधवार को गैस पीडि़त संगठन की नेता ने सुप्रीम कोर्ट द्वारा गठित कमेटी को पत्र लिखकर दोषियों के खिलाफ कार्रवाई की मांग की है। राजधानी की एक 46 वर्षीय महिला अप्रैल माह के पहले सप्ताह में कोरोना के इलाज के लिए भोपाल मेमोरियल ट्रस्ट अस्पताल में भर्ती हुई थी। उसी समय अस्पताल की लैब में काम करने वाली 24 वर्षीय युवती को भी संक्रमित होने के कारण कोविड वार्ड में भर्ती कराया गया था। एएसआई बनवारीलाल ने बताया कि पांच-छह अप्रैल की दर दरमियानी रात करीब तीन बजे अस्पताल का कर्मचारी संतोश महिला के पास पहुंचा था। वह उसे जांच के बहाने से सहारा देकर टायलेट तक लेकर गया था। वहां से वापस लेकर आने के बाद महिला के पलंग पर उसने महिला से दुष्कर्म किया। महिला ने घटना के बारे में वार्ड में मौजूद अटेंडर को बताया था। इस घटना के लगभग आधा घंटे बाद संतोष पास के वार्ड में भर्ती अस्पताल की कर्मचारी युवती के पास पहुंचा। सो रही युवती को उसने स्पर्श किया, तो उसकी नींद खुल गई। उसने संतोष से वहां आने की वजह पूछी तो वह चेकअप करने के लिए आने का कहकर भाग गया था। युवती ने घटना के बारे में अपनी सहेली को बताया। इसके बाद फोन पर पुलिस कंट्रोल रूम में घटना की शिकायत की थी। फोन पर जानकारी मिलने के बाद पुलिस मौके पर पहुंच गई थी। सात अप्रैल को आरोपित संतोष अहिरवार को गिरफ्तार कर लिया गया था। उधर अस्पताल प्रबंधन से दुष्कर्म की घटना के बारे में पता चलने पर पुलिस पीडि़त महिला के बयान लेने अस्पताल पहुंची थी, तो पता चला कि छह अप्रैल की सुबह हालत खराब होने के कारण उसे वेंटीलेटर पर रखा गया है।