Home छत्तीसगढ़ सरकार ऐसी नीति बनाये जिसमें टीकाकरण में कोई भेदभाव न हो-अमर

सरकार ऐसी नीति बनाये जिसमें टीकाकरण में कोई भेदभाव न हो-अमर

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बिलासपुर ।  भारतीय जनता पार्टी के नेताओं ने कोरोना संक्रमण महामारी को लेकर सरकार के कार्यप्रणाली पर चिंता व्यक्त करते हुए अनेक विषयों एवं मुद्दों को लेकर मुख्यमंत्री भूपेश बघेल के नाम, सांसद अरूण साव, पूर्व मंत्री अमर अग्रवाल, मस्तुरी विधायक कृष्णमूर्ति बांधी, बेलतरा विधायक रजनीश सिंह, भाजपा प्रदेश महामंत्री भूपेन्द्र सव्वनी, भाजपा जिला अध्यक्ष रामदेव कुमावत एवं भाजपा युवा मोर्चा के जिलाध्यक्ष निखिल केशरवानी के साथ कलेक्टर कार्यालय पहुंचकर एस.डी.एम. देवेन्द्र पटेल के माध्यम से ज्ञापन सौंपा।

इस दौरान ज्ञापन पत्र के माध्यम से भाजपा नेताओं ने वैश्विक महामारी कोविड 19 के इस कठिन समय में भेदभाव रहित टीकाकरण के सुझाव देते हुए कहा कि, भारत मे निर्मित दोनों टीके हमारे लिए आशा की एक मात्र किरण है। भाजपा नेताओं ने प्रदेश सरकार की कार्यप्रणाली पर चिंता व्यक्त करते हुए सुझाव दिया कि, माननीय छत्तीसगढ़ उच्च न्यायालय के संबंधित आदेश के अनुपालन में ऐसी नीति बनाई जाए, जिसमें टीकाकरण में कोई भेदभाव ने हो। सर्व समाज का हित निहित हो। अन्त्योदय कार्डधारी, बी.पी.एल., ए.पी.एल. श्रेणी के लिए अलग-अलग वर्गो में केन्द्र का निर्माण किया जाना निहायत ही अव्यवहारिक निर्णय है। हर केन्द्र पर सभी श्रेणी के बूथ होने की मांग की है।

भारतीय टीके के खिलाफ प्रदेश में राजनीतिक कारणों से लगातार दुष्प्रचार किया गया, इस कारण गांव-कस्बों में टीका लगाने गए कर्मचारियों पर हमले की खबरे लगातार आ रही है। ऐसे कर्मियों की सुरक्षा हो। टीका कर्मियों का पर्याप्त बीमा भी हो। साथ ही जनमानस में फैलाई गई भ्रांतियों को दूर करने प्रदेश स्तर पर जन जागरण अभियान चलाया जाए। टीके की वर्तमान कमी का कारण समय से आर्डर नहीं दे पाना भी है। हमारे पड़ोसी राज्य ने अनुमति मिलते ही 8 करोड टीको के लिए आदेश कर दिया था, जबकि हम अंतिम समय तक पत्र लिखते रहे। भाजपा नेताओं ने कहा कि, करीब 2.50 लाख टीके बर्बाद हुए है, इसे रोकने के लिए केरल मार्डल से प्रेरणा ले वेस्टर फैक्टर के मद्देनजर दिए जाने वाले खुराक का बेहतरीन उपयोग किया जाना चाहिए।

छत्तीसगढ़ में टेस्टिंग कम चिंताजनक है, आर.टी.पी.सी.आर. एंटीजन, और टूनीट सभी पर्याप्त संख्या में हो, जांच की कमी के कारण प्रदेश में मृत्यू दर बढऩा चिंताजनक है, पत्रकारो को फ्रंटलाईन वर्कर मानते हुए इनका भी प्राथमिकता के आधार पर टीकाकरण होना चाहिए।

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